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धान के कल्ले बढ़ाने की दवा व तकनीक, जानें कैसे करें इस्तेमाल

आज हम अपने इस लेख में खरीफ सीजन की धान की फसल (Paddy Crop) के कल्ले बढ़ाने की बेहतरीन दवा व तकनीक की जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं. नीचे लेख में पढ़ें पूरी डिटेल... धान की फसल (Paddy Crop) में बेहतर उत्पादन के लिए सही समय पर जल निकासी, पोषण, निराई-गुड़ाई, और खरपतवार नियंत्रण करना बेहद जरुरी है. पौधों की वृद्धि के दौरान नाइट्रोजन, जिंक और जैविक खाद का प्रयोग फायदेमंद होता है. वैज्ञानिक तरीकों से कीट और रोग नियंत्रण करके धान के कल्ले (paddy tiller) को बढाया जा सकता है.

लोकेश निरवाल
paddy tiller
paddy tiller

खरीफ सीजन में भारत के अधिकांश किसान धान की फसल उगाते हैं. चावल का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए फसल की शुरुआत से लेकर कटाई तक हर कार्य सावधानी से किया जाना आवश्यक है. हालांकि, धान के कल्ले निकलते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इसलिए इस समय सही उर्वरक, खाद और सिंचाई के साथ अन्य प्रबंधन कार्य करके धान का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, रोपाई के बाद फसल की अधिक देखभाल जरूरी होती है. इस समय कीट और रोगों पर नियंत्रण के साथ-साथ वैज्ञानिक नुस्खों का प्रयोग लाभकारी साबित हो सकता है. तो आइए इस लेख में जानते हैं कि धान के कल्ले (paddy straw) बढ़ाने के तरीके व दवा क्या है.

निराई-गुड़ाई करें: फसल की बढ़वार और अच्छी पैदावार के लिये धान के खेत में निराई-गुड़ाई का काम भी करते रहें, इससे फसल में लगने वाली बीमारियां और कीड़ों के प्रकोप का पता लग जाता है. निराई-गुड़ाई करने से जड़ों में आक्सीजन का संचार होता है और पौधों को बढ़ने में मदद मिलती है. किसान चाहें तो फसल पर उल्टी और सीधी दिशा में बांस से पाटा लगा सकते हैं, जिससे जड़ों में खिंचाव होता है और बढ़वार तेज होने लगती है.

खेत सूखा रखें : यदि खेत में अत्यधिक पानी भर गया है, तो तुरंत जल निकासी करके अतिरिक्त पानी हटा दें. इसके बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी में दरारें न आएं और जड़ों तक सूर्य की ऊर्जा और ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहे. यह काम रोपाई के 25 दिन बाद किया जाना चाहिए ताकि समय पर पोषण प्रबंधन किया जा सके.

न्यूट्रीशन (पोषण) : धान की रोपाई के 25 से 50 दिनों के दौरान पौधों में कल्ले निकलने शुरू होते हैं. यह समय पौधों को अधिक पोषण की आवश्यकता का होता है. इस समय एक एकड़ में 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक का मिश्रण फसल पर छिड़कना चाहिए. इसके अलावा, किसान चाहें तो अजोला की खाद का भी उपयोग कर सकते हैं.

धान के कल्ले बढ़ाने वाली दवाएं

धान के खेतों में अक्सर अनचाहे पौधे उग आते हैं, जो फसल से पोषण छीन लेते हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए 2-4D नामक खरपतवारनाशी दवा का छिड़काव करें. इसके अलावा, पेंडीमेथलीन 30 ई.सी. का भी उपयोग किया जा सकता है, जिसमें 3.5 लीटर दवा को 850-900 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जाता है.

धानजाइम गोल्ड (Dhanzyme Gold) - यह धान के कल्ले बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी दवा मानी जाती है. यह दवा एक मिलीलीटर की दर से एक लीटर पानी में मिलाकर 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में छिड़काव करना चाहिए.

English Summary: Medicine and technology to increase paddy tiller Published on: 05 August 2023, 03:03 PM IST

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