कितना कुछ है करने को
पर ये "न" करने का सुरुर
माफ़ी हुज़ूर !
कुछ नहीं
मिट्टी का खिलौना है
और कागज़ का गुरुर
माफ़ी हुज़ूर !
अब तू-तू और तुम की जगह नहीं
होनी चाहिए "मैं-मैं-मैं" ज़रुर
माफ़ी हुज़ूर !
कितना कुछ है करने को
पर ये "न" करने का सुरुर
माफ़ी हुज़ूर !
कुछ नहीं
मिट्टी का खिलौना है
और कागज़ का गुरुर
माफ़ी हुज़ूर !
अब तू-तू और तुम की जगह नहीं
होनी चाहिए "मैं-मैं-मैं" ज़रुर
माफ़ी हुज़ूर !
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