राजनीति में हल्ला-गुल्ला,शोर हो गया
भोर से रात्रि हुई,फिर भोर हो गया
लेकिन नेताओं की नज़रों में अब
किसान भी चोर हो गया
राजनीति में हल्ला-गुल्ला,शोर हो गया
भोर से रात्रि हुई,फिर भोर हो गया
लेकिन नेताओं की नज़रों में अब
किसान भी चोर हो गया
आत्महत्याओं का किसान की
ये अजब दौर हो गया
कहते-कहते मर रहा किसान
कि संकट घनघोर हो गया
किसने जानी किसान की हालत
दिल्ली में भी सब गोल हो गया
चक्कर लगाने में किसान का
सब डामाडोल हो गया
सत्ता के जुमले,सत्ता के वादे
शोर उठा और बोला बोल हो गया
किससे लगाए गुहार किसान
सस्ता उसका मोल हो गया
देखो,अब किसान भी चोर हो गया ।
गिरीश पांडे. कृषि जागरण
English Summary: The farmer also became a thief?Published on: 17 December 2018, 02:19 IST
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