लफ्ज़ सर्द हो चले हैं
पिघले तो कुछ कहूं
रात अभी बाकी है
सवेरा हो तो कुछ कहूं…
खुशहाल रहे देश मेरा
शिकायत नहीं कि गुमनाम हूं
पर दर्द होता है मुझे भी
मैं भी आखिर इंसान हूं।
मस्त हूं अपनी धुन में
शायद इसलिए अनजान हूं
गांव,मिट्टी,धूल में सना
हां, मैं किसान हूं ।
English Summary: Yes, I am a farmer!Published on: 12 October 2018, 03:54 IST
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