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CSIR-CIMAP Kisan Mela: 6000 किसानों के साथ आप भी सीखें वैज्ञानिक खेती और व्यापार के गुर

अभी भी कई ऐसे किसान हैं जिन्हें वैज्ञानिक खेती या जैविक खेती के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ये लोग अभी भी पारम्परिक खेती ही कर रहे हैं. ऐसे में फसल की न ठीक तरह से सुरक्षा कर पाते हैं और न ही उसकी उचित देखभाल कर पाते हैं. फसल का अगर ध्यान न रहा जाए, तो कीट और रोग की वजह से पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. ऐसे में किसान की गाढ़ी मेहनत, समय और पैसा, ये सभी बर्बाद जाते हैं. अगर किसान अपनी सूझ-बूझ से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल अपनी खेती में करें तो न केवल उन्हें अच्छी और स्वस्थ फसल मिलेगी बल्कि बज़ाएर में उसकी मांग भी बढ़ेगी. इसमें किसान बम्पर मुनाफा कमा सकते हैं.

सुधा पाल
cimap

अभी भी कई ऐसे किसान हैं जिन्हें वैज्ञानिक खेती या जैविक खेती के बारे में कोई जानकारी नहीं  है. ये लोग अभी भी पारम्परिक खेती ही कर रहे हैं. ऐसे में फसल की न ठीक तरह से सुरक्षा कर पाते हैं और न ही उसकी उचित देखभाल कर पाते हैं. फसल का अगर ध्यान न रहा जाए, तो कीट और रोग की वजह से पूरी फसल बर्बाद हो सकती है. ऐसे में किसान की गाढ़ी मेहनत, समय और पैसा, ये सभी बर्बाद जाते हैं. अगर किसान अपनी सूझ-बूझ से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल अपनी खेती में करें तो न केवल उन्हें अच्छी और स्वस्थ फसल मिलेगी बल्कि बज़ाएर में उसकी मांग भी बढ़ेगी. इसमें किसान बम्पर मुनाफा कमा सकते हैं.

किसानों को खेती, बागवानी और उससे जुड़ी सटीक जानकारी देने के लिए ही सीएसआईआर-सीमैप (CSIR-CIMAP) अपने सालाना "किसान मेला" (Annual Kisan Mela) का आयोजन करने वाला है. CSIR-CIMAP Annual Kisan Mela  का आयोजन इसी महीने यानी 31जनवरी 2020 को होने जा रहा है. यह किसान मेला (Kisan Mela) एक खास मेला है जहां किसानों और बागवानों को हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है.

आपको बता दें कि इस किसान मेला में 6000 से भी ज़्यादा किसान शामिल होने वाले हैं. सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ के मुख्य वैज्ञानिक Sanjay Kumar ने इस आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के लिए यह एक बहुत ही सुनहरा अवसर है. इस मेले में उन्हें कई तरह की उपयोगी जानकारी मिलेगी. वैज्ञानिकों की उपस्थिति में किसान उनसे किसी भी तरह का सुझाव भी ले सकते हैं और अपनी जिज्ञासा दूर कर सकते हैं.

किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

इसके साथ ही किसान इस मेले में न केवल खेती के गुर सीखेंगे, बल्कि पौधों की उन्नत किस्म, हर्बल उत्पाद और उनसे जुड़े व्यापार के अवसर के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे. इस मेले के तहत हर्बल उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

मेले में होगा इन कार्यक्रमों का आयोजन

  • औषधीय और सुगंधित पौधों ((MAPs) का विपणन परिदृश्य: उद्योग-किसान बातचीत (Marketing Scenario of medicinal and aromatic plants (MAPs): Industry-Farmers interaction)

  • गुणवत्ता रोपण सामग्री और प्रकाशनों की बिक्री (Sale of quality planting material and publications)

  • उन्नत पौधों की किस्म और हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन (Demonstration of improved plant varieties and herbal products)

  • डिस्टिलेशन यूनिट्स/प्रसंस्करण का लाइव प्रदर्शन (Live demonstration of distillation units/ processing)

  • गुलाब जल और अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण (Demonstration of improved plant varieties and herbal products)

  • उत्तर भारतीय मैदानों में जिरेनियम उत्पादन और अर्ली मिंट टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन (Demonstration of Geranium production and Early Mint Technology in North Indian plains)

  • पारंपरिक फसल प्रणाली में औषधीय और सुगंधित पौधों (एमएपी) का परिचय (Introduction of medicinal and aromatic plants (MAPs) in traditional cropping system)

  • सीएसआईआर संस्थानों द्वारा विकसित किसान-केंद्रित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन (Display of farmer-centric technologies developed by CSIR institutes)

English Summary: csir cimap is organising its annual kisan mela on 31st january for farmers Published on: 28 January 2020, 02:19 PM IST

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