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चुनाव से पहले किसानों पर मेहरबान हुए राजनीतिक दल, जानिए क्या है प्रदेश का सियासी रण

विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें, तो सभी राजनीतिक दल किसानों को 'भगवान' की तरह उनकी परिक्रमा करते नजर आ रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी हो या फिर कांग्रेस, सपा, बसपा, आरएलडी और आम आदमी पार्टी सहित सभी विपक्षी दल उन्हें खुश करने में जुटे हैं. इसकी वजह कहीं ना कहीं बिलकुल साफ़ है. इस तरह पिछले साल किसानों को अपनी बात मनवाने के लिए लगभग एक साल सड़कों पर बैठना पड़ा.

प्राची वत्स
विधानसभा चुनाव 2022
विधानसभा चुनाव 2022

अक्सर किसानों को अन्नदाता' या फिर देश की रीढ़ की हड्डी कहकर संबोधित किया जाता है. ऐसे में अगर देश के राजनितिक दलों पर चर्चा करें, तो उनके लिए किसान बहुत अहमियत रखते है. मगर सोचने वाली बात ये है कि राजनीतिक दलों से ऐसी बातें सिर्फ चुनाव के वक़्त ही सुनने को मिलती है,क्योंकि चुनाव आते ही राजनीति में उनके लिए मान सम्मान और बढ़ जाता है.

अगर विधानसभा चुनाव 2022 की बात करें, तो सभी राजनीतिक दल किसानों को 'भगवान' की तरह उनकी परिक्रमा करते नजर आ रहे हैं. सत्ताधारी पार्टी हो या फिर कांग्रेस, सपा, बसपा, आरएलडी और आम आदमी पार्टी सहित सभी विपक्षी दल उन्हें खुश करने में जुटे हैं. इसकी वजह कहीं ना कहीं बिलकुल साफ़ है. इस तरह पिछले साल किसानों को अपनी बात मनवाने के लिए लगभग एक साल सड़कों पर बैठना पड़ा. था, उसके बाद सभी पार्टियों को इसका डर सताने लगा है कि आखिर किसान इस बार किसके साथ है. ऐसे में किसानों के लिए सभी एक से बढ़कर एक वादे कर रहे हैं.

सरकार के वादे

इस चुनाव में किसानों की अहमियत कृषि कानूनों के खिलाफ 378 दिन तक चले आंदोलन के बाद और बढ़ गई है. जब किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन पर डटे थे, विपक्षी दलों ने उनसे करीबी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसी बीच यूपी चुनाव आ गया और  इसे देखते ही सालभर से ना झुकने वाली केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून बिना शर्त वापस ले लिया.वहीं योगी सरकार को भी इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं किसान पिछला सारा हिसाब चुकता ना कर लें.

किसानों के हित में योगी सरकार का बड़ा फैसला

विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने किसानों के हित में तेजी से फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. किसानों के साथ बैठक कर किसानों पर पराली जलाने को लेकर किए गए अब तक के सभी मुकदमे योगी सरकार ने वापस ले लिए. वहीँ, गन्ना मूल्य 25 रुपये प्रति कुंतल बढ़ा दिया गया.खासतौर से पश्चिमी यूपी में नाराजगी दूर करने के लिए गन्ना किसानों के लिए कई सहूलियतें दी जा रही है. गन्ना किसानों के लिए ऑनलाइन पर्ची की सुविधा भी  शुरू कर दी गई है. घोषणा पत्र भरने के लिए खतौनी की अनिवार्यता खत्म कर दी गई और प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है. गन्ना मूल्य का नियमित भुगतान किया जा रहा है.

किसानों को मिला लाभ

लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों पर सख्त ऐक्शन भी लिया गया है. हाल ही में निजी नलकूपों के बिजली की दरें आधी कर दी गईं और पुराने बिजली बिलों पर ब्याज माफ कर दिया. पीएम किसान सम्मान निधि तय समय पर खाते में पहुंच रही है. यह लाभ पाने वाले भी सबसे ज्यादा यूपी के किसान ही हैं.

पक्ष पर विपक्ष का प्रहार, किसानों के लिए बड़ा ऐलान

सपा मुखिया अखिलेश यादव किसानों को अपने पाले में लेने के लिए आंदोलन के समय से हर कोशिश कर रहे हैं. आंदोलन में करीब 700 शहीदों का मुद्दा गरम था तो, उन्होंने सभी शहीद किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये का देने का ऐलान कर दिया. उनके नाम से स्मारक बनवाने का वादा भी अखिलेश ने किया है. उन्होंने अब मुफ्त सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का ऐलान भी कर दिया है. इसके अलावा वह आवारा पशुओं का मुद्दा और खाद, बिजली, सिंचाई की समस्या सहित कई मुद्दे वह लगातार उठा रहे हैं.

कांग्रेस ने भी दिखाई अपनी तेजी

चुनावी प्रचार-प्रसार के बीच कांग्रेस भी अपनी तेज़ी दिखाती नजर आ रही है. इससे पहले की चुनावी गतिविधियों पर अगर नजर डालें, तो कांग्रेस की प्रतिक्रिया काफी सुस्त दिखाई दी थी, लेकिन वहीँ इस बार  कांग्रेस भी किसानों के लिए कई वादे कर रही है. कांग्रेस के खेमे से किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया गया. उनके मुताबिक़, अगर उनकी सरकार बनेगी तो सभी किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाएगा. बिजली के बिल आधे करने का भी वादा वह कर रही है. मछली पालन को खेती का दर्जा दिए जाने का ऐलान भी उन्होंने किया है. वहीं गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था छत्तीसगढ़ मॉडल पर दुरुस्त करने की बात वह कर रही है.

आपको बता दें कि योगी राज्य में पहले ही गाय और गौ सेवा को लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही है. ऐसे में कांग्रेस सरकार ने भी उसी पर निशाना साधा है. वहीं किसान आंदोलन में भी वह लगातार किसानों के साथ खड़ी दिखी. लखीमपुर कांड हुआ, तो तुरंत वहां के लिए निकल पड़ीं और दो दिन गेस्ट हाउस में नजरबंद रहीं. इस तरह किसानों की संवेदना हासिल करने का कोई मौका नहीं छोड़ा  है.

रेस में बसपा भी नहीं है पीछे

बसपा की और से अभी तक कोई भी घोषणा पत्र जारी या कोई सीधा  वादा नहीं किया है, लेकिन मायावती अपने कार्यकाल में किए गए कामों को गिनाती नजर आ रही है. उन्होंने अपने बयानों में ये साफ़ कर दिया कि अगर दोबारा उनकी सरकार बनी, तो ईमानदारी से फिर वैसे ही काम करेंगी जैसा उन्होंने किया है.

आरएलडी और आप ने भी उठाया फायदा

किसान आंदोलन के बाद से उसका फायदा उठाने की सबसे ज्यादा उम्मीद आरएलडी को ही है. यही वजह है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी आंदोलन के समय से किसान नेताओं से मिल रहे हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना दोगुनी करने का ऐलान कर चुके हैं. शहीद किसानों के नाम से स्मारक बनवाने का वादा कर चुके हैं. इसके साथ ही जयंत किसानों की राय से ही अपना घोषणा पत्र बनाने की बात लगातार कर रहे हैं.

वहीं आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह 300 यूनिट फ्री बिजली और पुराने बिल माफ करने का वादा किसानों से कर रहे हैं. वहीं एमएसपी की गारंटी का भी वादा उन्होंने किया है.

English Summary: ELECTION 2022: Farmer became God" Farmers are getting temptation before elections Published on: 15 January 2022, 12:43 PM IST

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