1. Home
  2. ख़बरें

श्रमिकों के पलायन से किसान परेशान, इस साल कैसे होगी धान की रोपाई?

किसानों के लिए धान की खेती करने का समय आ चुका है. रबी फसलों की कटाई के बाद अधिकतर किसानों ने धान की रोपाई की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. मगर इन दिनों पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ गई है. बड़ी समस्या यह है कि देशभर में लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों के प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. इस कारण उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है, तो दूसरी तरफ पंजाब के किसानों पर भी धान की रोपाई का संकट मंडरा रहा है.

कंचन मौर्य
Paddy Farming
Paddy Farming

किसानों के लिए धान की खेती करने का समय आ चुका है. रबी फसलों की कटाई के बाद अधिकतर किसानों ने धान की रोपाई की ओर रूख करना शुरू कर दिया है. मगर इन दिनों पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ गई है. 

बड़ी समस्या यह है कि देशभर में लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों के प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. इस कारण उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है, तो दूसरी तरफ पंजाब के किसानों पर भी धान की रोपाई का संकट मंडरा रहा है.

क्यों है पंजाब के किसान परेशान (Why are the farmers of Punjab upset?)

पंजाब के किसान धान की खेती के लिए यूपी और बिहार के मजदूरों पर निर्भर रहते हैं. इस साल कोरोनो और लॉकडाउन ने मजदूरों को घर वापसी करने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में पंजाब किसान की परेशानी बढ़ना लाजमी है. मई और जून में यूपी और बिहार से बड़ी तादाद में मजदूर धान की रोपाई के लिए आते हैं, लेकिन इस बार ऐसा होना पाना संभव नहीं हैं.

इस वक्त लगभग 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी का रजिस्ट्रेशन कराया है. ये रोजाना पंजाब के अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और बठिंडा से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई से घर वापसी कर रहे हैं.

अगर ऐसा नहीं हुआ, तो किसान बर्बाद हो जाएंगे.किसानों का मानना है कि मशीन से धान की रोपाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. बता दें कि मजदूरों को 1 एक एकड़ में धान की रोपाई करने के लिए 2500 से 3000 रुपए दिए जाते हैं.

इसके अलावा खाने और रहने की व्यवस्था दी जाती है. एक दिन में 5 से 6 मजदूर मिलकर लगभग डेढ़ एकड़ खेत में धान की रोपाई करते हैं. इस तरह मजदूरों को 7 से 8 रुपए की आमदनी मिलती है.

लगभग 30 लाख हेक्टयर भूमि पर धान की खेती (Paddy cultivation on about 30 lakh hectares of land)

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पंजाब में लगभग 30 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है. पिछले साल 180 लाख मीट्रिक टन के करीब धान की पैदावार हुई थी. मगर इस बार उम्मीद घट गई है. ऐसे में किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि श्रमिकों की घर वापसी को रोका जाए.

इसके साथ ही अग्रिम धान रोपाई की अनुमति दी जाए. बता दें पिछले साल धान की खेती के लिए 13 जून से शुरू की गई थी. इस बार 1 जून से धान की खेती करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

धान की रोपाई का काम जून से जुलाई तक चलता है. ऐसे में मजदूर लगभग 40 से 50 हजार रुपए की कमाई कर लेते हैं. मगर इस साल किसान और मजदूरों, दोनों पर ही संकट के बादल छाए हुए हैं. जहां किसान को धान की रोपाई की चिंता है, तो वहीं मजदूरों को अपनी रोजगार की. 

ऐसी ही कृषि सम्बंधित जानकारियां पाने के लिए जुड़े रहें कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ...

English Summary: Farmers of Punjab upset by workers' return, crisis over paddy transplanting this year Published on: 11 May 2020, 12:44 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News