चालू पेराई सीजन (अक्टूबर, 2015- सितंबर,2016) के दौरान देश में चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र को पीछे छोड़ता हुआ पहले नंबर पर पहुंच गया है। इसके चलते चीनी की बढ़ती कीमतों का सबसे अधिक फायदा भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों को मिल रहा है। पिछले एक महीने में ही चीनी की कीमत 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गई है जबकि एक साल में यह कीमत करीब 2700 रुपए से बढ़कर 3600 रुपए प्रति क्विंटल को पार कर गई है। इसके बावजूद भी राज्य की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 34.43 करोड़ रुपए का बकाया है लेकिन राज्य की कई चीनी मिलों ने 280 रुपए प्रति क्विंटल के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) के आधार पर पूरा भुगतान कर दिया है।
चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश नं. वन के पायदान पर पहुंचा
चालू पेराई सीजन (अक्टूबर, 2015- सितंबर,2016) के दौरान देश में चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र को पीछे छोड़ता हुआ पहले नंबर पर पहुंच गया है। इसके चलते चीनी की बढ़ती कीमतों का सबसे अधिक फायदा भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों को मिल रहा है। पिछले एक महीने में ही चीनी की कीमत 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गई है जबकि एक साल में यह कीमत करीब 2700 रुपए से बढ़कर 3600 रुपए प्रति क्विंटल को पार कर गई है।
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