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नवाचार पर केंद्रित है ISF World Seed Congress 2024: आईएसएफ उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर

ISF World Seed Congress 2024: कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक के साथ बातचीत में अत्तावर ने आईएसएफ के विश्व बीज कांग्रेस के अगले स्थान का खुलासा किया और उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपने विचार व्यक्त किए.

KJ Staff
कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक और आईएसएफ के उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर, फोटो साभार: कृषि जागरण
कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक और आईएसएफ के उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर, फोटो साभार: कृषि जागरण

ISF World Seed Congress 2024: नीदरलैंड में चल रहे आईएसएफ वर्ल्ड सीड कांग्रेस 2024 कार्यक्रम में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कृषि वैज्ञानिक व अधिकारी नीदरलैंड के खूबसूरत शहर रॉटरडैम में एकत्र हुए है, जहां रॉटरडैम अहोई के पवित्र हॉल विश्व बीज कांग्रेस 2024 की मेजबानी कर रहे हैं. कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक व्यक्तिगत रूप से इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. इसके अलावा इस कार्यक्रम में दुनिया भर के दिग्गज खाद्य सुरक्षा से भरपूर भविष्य को आकार देने में बीजों की शक्ति का पता लगा रहे हैं, जैसा कि #WorldSeed2024 की थीम में दर्शाया गया है. व्यापार आदान-प्रदान, रणनीतिक बैठकों, आकर्षक प्रदर्शनियों और आकर्षक गोलमेज चर्चाओं के बीच, उपस्थित लोग एक उज्जवल कृषि भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त करना.

डोमिनिक के साथ बातचीत में, आईएसएफ के उपाध्यक्ष आर्थर संतोष अत्तावर, जो इस सम्मान को प्राप्त करने वाले पहले भारतीय है. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "इस साल आईएसएफ का 100वां साल मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत 1924 में हुई थी. इस बार हमारे पास लगभग सौ भारतीय प्रतिनिधि हैं और यह सभी उपस्थित लोगों के लिए बहुत अच्छा अनुभव है. इस साल का विषय उद्योग की लचीलापन और यह कैसे अभिनव होने के साथ-साथ किसानों के लिए अच्छे मूल्यवर्धित उत्पाद विकसित करने में कामयाब रहा है. यह लगातार खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करता है, चाहे वह बीजों की आवाजाही हो, नियामक मुद्दे हों."

आईएसएफ भारतीय बीज उद्योग का समर्थन करता है, तो इस संदर्भ में अत्तावर ने बताया, "यह एक वैश्विक संगठन है और भारत इसका एक बड़ा हिस्सा है. भारतीयों के लिए इसका लाभ यह है कि उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों का ज्ञान मिल रहा है और वे अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपना रहे हैं. यह भारत के लिए बहुत मददगार होगा, क्योंकि इसकी कृषि अर्थव्यवस्था में 55 प्रतिशत आबादी शामिल है." उन्होंने युवाओं से आगे आकर कृषि क्षेत्र में खुद को शामिल करने का आग्रह किया.

उन्होंने आगे कहा, "अगले कुछ दिन भी उतने ही रोमांचक होंगे. हम इस साल नीदरलैंड के राजा द्वारा इस कार्यक्रम का उद्घाटन किए जाने से रोमांचित हैं. अगला कार्यक्रम इस्तांबुल में होगा जिसमें युवा उद्यमियों और पेशेवरों को प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे."  

English Summary: ISF World Seed Congress 2024 focused on innovation says ISF Vice President Arthur Santosh Attavar latest news Published on: 28 May 2024, 12:55 PM IST

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