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कृषि मंत्रालय की कुछ उपलब्धियां
वर्तमान सरकार द्वारा इस दौरान कई किसानोपयोगी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिनमें मृदा उर्वरता में सुधार हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड; जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परंपरागत कृषि विकास योजना के अलावा 400 करोड़ रुपये की लागत से शुरु की गई उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए जैविक वैल्यू चेन विकास मिशन का लाभ किसानों को मिल रहा है।
वर्तमान सरकार द्वारा इस दौरान कई किसानोपयोगी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिनमें मृदा उर्वरता में सुधार हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड; जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परंपरागत कृषि विकास योजना के अलावा 400 करोड़ रुपये की लागत से शुरु की गई उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए जैविक वैल्यू चेन विकास मिशन का लाभ किसानों को मिल रहा है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की यात्रा 1905 में उत्तरी बिहार के दरभंगा (समस्तीपुर) जिले के पूसा नामक जगह से प्रारंभ हुई थी। उस समय इसका नाम कृषि अनुसंधान संस्थान रखा गया था।
- बाद में इसका नाम 1911 में बदलकर इंपीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च और 1919 में इंपीरियल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट किया गया।
- इसके बाद 29 जुलाई, 1936 में यह संस्थान दिल्ली में स्थानांतरित किया गया।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पुनः इस संस्थान का नाम बदलकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान रख दिया गया और 1958 में इसे डीम्ड यूनीवर्सिटी का दर्जा दिया गया।
- हरित क्रांति का सूत्रधार होने की महत्वपूर्ण भूमिका भी इसी संस्थान द्वारा यहां विकसित तकनीकियों, नई एवं उन्नत किस्मों के विकास तथा किसानों के खेतों पर किये गये वैज्ञानिक प्रदर्शनों के माध्यम से निभाई गई।
- देशभर में जिस तरह से आईआईटी और आईआईएम जैसी उच्च शिक्षा संस्थानों का जाल बिछा हुआ है, ठीक उसी तरह कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली की तर्ज पर देश में और कृषि अनुसंधान संस्थानों की स्थापना करने की योजना मोदी सरकार द्वारा बनाई गई है।
- इस क्रम में पहले झारखंड और अब असम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की शुरूआत की जा रही है।
- हमारी सरकार कृषि के प्रति कितनी गंभीर है यह इसी बात से पता चलता है कि माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वर्तमान सरकार ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए गत चार वर्षों में कृषि बजट में (2014-15 से 2017-18) के लिए 1,64,415 करोड़ रूपये आवंटित किये गये जोकि यू.पी.ए. सरकार के वर्ष (2010-11 से 2013-14) 1,04,337 करोड़ रूपये की तुलना में 57.58 प्रतिशत अधिक है।
- मुझे यह बताते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है कि वर्ष 2016-17 में देश में खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन हुआ है और यह आजादी के बाद का सर्वाधिक ऊंचा स्तर है,
- जहां दूध का उत्पादन वर्ष 2011-2014 तीन वर्ष में 398 मिलियन मीट्रिक टन के अनुपात में वर्ष 2014-2017 में 465.5 मिलियन मीट्रिक टन है जो 16.9 प्रतिशत अधिक है।
- वहीं मछली उत्पादन में वर्ष 2011-14 तीन वर्ष में 272.88 लाख टन की तुलना में 2014-17 में बढकर 327.74 लाख टन हो गया जो जो 20.1 प्रतिशत की वृद्धि है।
- इसी प्रकार वर्ष 2011-14 तीन वर्ष में 210.93 बिलियन की तुलना में अंडा उत्पादन 2014-17 में 248.72 बिलियन हो गया है जो 17.92 प्रतिशत अधिक है।
- शहद उत्पादन मे 2011-14 तीन वर्ष में 2,18,950 मि. टन की तुलना में वर्ष 2014-17 में 2,63,930 मि. टन हो गया है जो 20.54 प्रतिशत अधिक है।
- देश की 585 थोक मंडियों को एक ई-प्लेटफार्म से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार या ई-नाम तेजी से काम कर रहा है।
- किसानों को आपदा से होने वाले नुकसान से बचाने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि का प्रमुख रूप से उल्लेख करना चाहूंगा।
English Summary: Some achievements of the Ministry of Agriculture
Published on: 28 August 2017, 06:14 AM IST
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